कितनी ही किताबें पढ़ डाली कितने ही खंगाल डेल ग्रन्थ पर एक किताब है ज़िंदगी अजीब इबारत है इसमें लिखी न पढ़ी जाये ,न छोड़ी जाएँ……….
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