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१९ जनवरी २०११ की यादो से कुछ यादें

swabhimaan
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कुछ रिश्ते ऐसे होते है ,जो इत्तेफाक से जिंदगी में जुड़ जाते है ,भले ही तुम चाहो या न चाहो निभाना .,भुलाये भी नहीं जाते हैं. जिंदगी के सफ़र में कितने ही सहयात्री मिलते है जो कुछ समय साथ बिताकर अपने- अपने स्टेशन पर अलग हो जाते है ,पर कुछ यादें छोड़ जाते है .जिंदगी एक ऐसी किताब होती है जिसपर लिखे शब्द कोई नहीं मिटा सकता .यह बात और है उन शब्दों को पढने की सामर्थ्य किसी-किसी के पास होती है .बीता हुआ समय लौटकर नहीं आता ,उसी तरह जिंदगी के पन्नो पर एक जाता है उसे मिटाया नहीं जा सकता .
कभी कभी बीमार होने के फायदे ———
बीमारी से कभी फायदा नहीं होता , मेरी बात को गलत न समझा जाये , और यह फायदा भी तब मिलेगा जब आपके पास कोई आपको प्यार करने वाला हो वरना कोई नहीं पूछने वाला . आज हम विदुषी मम के घर गए ,उनकी हलकी सी तबियत ख़राब थी , असितिदिटी या पाचन सम्बन्धी समस्या थी ,पर उनके पति ने उनकी देखभाल के लिए आज की छुट्टी ली और उनकी हर छोटी-छोटी बात का पूरा ख्याल रखा .बस यही सोचकर आ गया मेरे मन में की कभी कभी बीमार होने से पुरे परिवार का ध्यान केंद्रबिंदु वह शख्स बन जाता है .पर बाद में सोचा यहाँ तो शर्ते लागु होती है कोई हो तो सही धयान रखने वाला .हमारी हर छोटी बात को महत्व देने वाला वरनाकुछ नहीं होने वाला . गुस्सा और आएगा .

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